Microsoft रिपोर्ट: कार्यस्थल पर जनरेटिव AI tools का अत्यधिक उपयोग क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स को कर सकता है प्रभावित
परिचय
माइक्रोसॉफ्ट और कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी (Carnegie Mellon University) के शोधकर्ताओं द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में जनरेटिव AI (Gen AI) टूल्स के अत्यधिक उपयोग और आत्मविश्वास (Self-confidence) के बीच एक संबंध पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कार्यस्थल पर AI tools पर अधिक निर्भरता से कर्मचारियों की क्रिटिकल थिंकिंग (Critical Thinking) और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
यह अध्ययन वर्तमान डिजिटल युग में महत्वपूर्ण है, जहां AI तेजी से कार्यों को स्वचालित (Automate) कर रहा है और कर्मचारियों को अधिक सुविधाजनक समाधान प्रदान कर रहा है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि AI के अत्यधिक उपयोग से लोग अपनी निर्णय लेने की क्षमता पर अधिक भरोसा करने के बजाय मशीनों पर निर्भर हो सकते हैं।
Microsoft AI tools और क्रिटिकल थिंकिंग के बीच संबंध
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब कर्मचारी बार-बार AI tools निर्भर होते हैं, तो वे अपनी समस्याओं को हल करने और तर्कसंगत रूप से सोचने की क्षमता खो सकते हैं। रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- AI tools के उपयोग से निर्णय लेने की गति बढ़ जाती है, लेकिन इससे गहरी सोचने की प्रवृत्ति कम हो सकती है।
- जब लोग लगातार AI द्वारा उत्पन्न सुझावों को अपनाते हैं, तो उनकी खुद की तर्कशीलता (Reasoning ability) कमजोर हो सकती है।
- कर्मचारी AI की सलाह को चुनौती देने के बजाय उसे सही मान लेते हैं, जिससे उनकी स्वतंत्र विचारधारा प्रभावित होती है।
- इससे गलत निर्णय लेने की संभावना भी बढ़ सकती है, क्योंकि AI के सुझाव हमेशा सटीक नहीं होते।
आत्मविश्वास पर AI tools का प्रभाव
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि AI tools का उपयोग करने से लोगों के आत्मविश्वास में बदलाव देखा गया।
- सकारात्मक प्रभाव: जब AI सही उत्तर देता है, तो उपयोगकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ जाता है और वे निर्णय लेने में अधिक सक्षम महसूस करते हैं।
- नकारात्मक प्रभाव: जब AI गलत जानकारी देता है, तो उपयोगकर्ता अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं और उनकी आत्मनिर्भरता (Self-reliance) कम हो जाती है।
इसका मतलब यह है कि AI टूल्स का अधिक उपयोग आत्मविश्वास को बढ़ा भी सकता है और घटा भी सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उपयोगकर्ता कितनी बार AI के उत्तरों को सच मानते हैं और कितनी बार वे अपनी समझ का उपयोग करते हैं।
AI के अत्यधिक उपयोग से होने वाले संभावित नुकसान
AI का सही उपयोग फायदेमंद हो सकता है, लेकिन जब कर्मचारी केवल AI पर निर्भर हो जाते हैं, तो यह समस्याएँ पैदा कर सकता है:
- समस्याओं को हल करने की क्षमता में गिरावट:
- लोग खुद सोचने की बजाय AI के उत्तरों पर निर्भर हो सकते हैं।
- आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) की कमी:
- लोग खुद चीजों का विश्लेषण करने की बजाय मशीनों पर भरोसा करने लगते हैं।
- रचनात्मकता (Creativity) में कमी:
- AI द्वारा दिए गए उत्तरों पर निर्भर रहने से कर्मचारियों की अपनी सोचने की क्षमता कम हो सकती है।
- गलत सूचनाओं पर भरोसा:
- AI के द्वारा दी गई गलत जानकारी को कर्मचारी सच मान सकते हैं, जिससे गलत निर्णय लिए जा सकते हैं।
AI tools और मानव बुद्धिमत्ता का संतुलन बनाए रखना क्यों जरूरी है?
AI को कार्यस्थल पर पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता, क्योंकि यह उत्पादकता और दक्षता (Efficiency) बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन इसे संतुलित तरीके से उपयोग करना आवश्यक है ताकि कर्मचारियों की सोचने, विश्लेषण करने और निर्णय लेने की क्षमता बनी रहे।
संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव:
- AI को सहायक के रूप में उपयोग करें, विकल्प के रूप में नहीं
- AI को एक गाइड की तरह इस्तेमाल करें, लेकिन अंतिम निर्णय लेने के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करें।
- स्वतंत्र सोच को बढ़ावा दें
- AI द्वारा दिए गए उत्तरों को जांचें और स्वयं विश्लेषण करें कि वे सही हैं या नहीं।
- अपनी सोचने की क्षमता को मजबूत करें
- नियमित रूप से बिना AI के कुछ निर्णय लेने की आदत डालें।
- AI की सीमाओं को समझें
- AI हमेशा 100% सही नहीं होता, इसलिए इसकी जानकारी को क्रॉस-चेक करें।
- कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें
- कंपनियों को अपने कर्मचारियों को AI और क्रिटिकल थिंकिंग के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।
निष्कर्ष
Microsoft और Carnegie Mellon University की इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि AI का अति प्रयोग कर्मचारियों की क्रिटिकल थिंकिंग को कमजोर कर सकता है। हालांकि, AI कार्यस्थल पर मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग कर्मचारियों को अपनी निर्णय लेने की क्षमता से दूर कर सकता है।
इसलिए, कंपनियों और पेशेवरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे AI tools को एक सहायक टूल के रूप में उपयोग करें, न कि उस पर पूरी तरह निर्भर हो जाएं। सही संतुलन बनाए रखना ही दीर्घकालिक सफलता (Long-term success) की कुंजी है।