Apple ने ‘Dictation’ बग को किया फिक्स: ‘Racist’ कहने पर ‘Trump’ टाइप करने की समस्या को किया दूर
Apple ने हाल ही में अपने iPhone और अन्य डिवाइसेज में मौजूद डिक्टेशन फीचर में एक अनोखी गड़बड़ी की पुष्टि की है। कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की थी कि जब वे ‘racist’ शब्द बोलते थे, तो उनका डिवाइस उसे ‘Trump’ के रूप में टाइप कर रहा था। इस अजीबोगरीब समस्या ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा दी, जिससे Apple को मजबूर होकर स्पष्टीकरण और समाधान देना पड़ा।
कैसे हुआ यह बग उजागर?
इस बग का खुलासा तब हुआ जब कुछ iPhone उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किए, जिसमें यह दिखाया गया कि Apple का डिक्टेशन टूल ‘racist’ शब्द को ‘Trump’ में बदल रहा था। देखते ही देखते, यह मामला चर्चा का विषय बन गया और कई लोगों ने Apple की टेक्नोलॉजी और संभावित राजनीतिक पक्षपात पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
iPhone के स्पीच-टू-टेक्स्ट फंक्शन (Dictation Feature) का उपयोग करने वाले यूजर्स ने यह नोटिस किया कि जब वे ‘racist’ कहते थे, तो iPhone उसे ‘Trump’ के रूप में टाइप कर रहा था। इसको लेकर ट्विटर (अब X) और रेडिट पर कई चर्चाएं हुईं, जिससे Apple को आधिकारिक रूप से इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी।
Apple का स्पष्टीकरण और प्रतिक्रिया
Apple ने इस गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए कहा कि यह किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं किया गया था, बल्कि यह एक टेक्निकल गड़बड़ी थी। कंपनी ने बताया कि इसका कारण Apple के स्पीच रिकग्निशन मॉडल में एक phonetic overlap (ध्वनि संबंधी समानता) था, जिससे AI गलती से गलत शब्द टाइप कर रहा था।
Apple ने तुरंत एक नया सॉफ़्टवेयर अपडेट जारी करने का ऐलान किया, जिससे यह समस्या दूर हो जाएगी। कंपनी के अनुसार, इस बग को जल्द से जल्द फिक्स कर दिया जाएगा ताकि उपयोगकर्ताओं को डिक्टेशन फीचर का सही अनुभव मिले।
क्या है तकनीकी वजह?
तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या संभवतः Apple के ऑटो-करेक्ट और मशीन लर्निंग मॉडल की गड़बड़ी के कारण हुई थी। स्पीच रिकग्निशन टेक्नोलॉजी फोनेटिक (ध्वनि आधारित) पैटर्न पर निर्भर करती है, और कभी-कभी समान ध्वनि वाले शब्दों में गलती हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि Apple के AI एल्गोरिदम में किसी तरह का bias नहीं था, बल्कि यह एक सटीकता से जुड़ी गलती थी, जो सॉफ़्टवेयर अपडेट के बाद ठीक हो जाएगी।
राजनीतिक विवाद और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह बग सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स के मिले-जुले रिएक्शन देखने को मिले। कुछ लोगों ने इसे Apple की Machine Learning टेक्नोलॉजी की एक मज़ेदार गलती बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे एक साजिश करार दिया।
- कुछ उपयोगकर्ताओं का कहना था: “Apple को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी AI टेक्नोलॉजी राजनीतिक रूप से निष्पक्ष हो और किसी भी प्रकार की पक्षपातपूर्ण गड़बड़ी से मुक्त हो।”
- वहीं, कुछ लोगों ने इस गलती को हल्के-फुल्के मजाक के रूप में लिया।
अमेरिकी राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का नाम एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, जिससे यह बग और भी ज्यादा चर्चा में आ गया।
Apple ने किया बग फिक्स करने का वादा
Apple ने बयान जारी कर कहा कि वे जल्द ही एक सॉफ़्टवेयर अपडेट जारी करेंगे जिससे यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। iPhone और iPad यूजर्स को यह सुनिश्चित करने के लिए अपडेट डाउनलोड करने की सलाह दी गई है ताकि डिक्टेशन फीचर सही तरीके से काम करे।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य हमेशा उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन अनुभव देना है और ऐसे किसी भी बग को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाता है।
निष्कर्ष
Apple के डिक्टेशन फीचर में आई इस गड़बड़ी iPhone ने टेक्नोलॉजी की सीमाओं और AI की संभावित गलतियों को उजागर किया है। यह मामला यह भी दिखाता है कि AI और स्पीच रिकग्निशन सिस्टम में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
हालांकि, Apple ने इस गलती को स्वीकार करके और समाधान निकालने का वादा करके अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नए सॉफ़्टवेयर अपडेट के बाद यह समस्या पूरी तरह खत्म होती है या नहीं।
अगर आप भी iPhone के डिक्टेशन फीचर का इस्तेमाल करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका डिवाइस अपडेटेड हो ताकि आपको इस तरह की किसी गड़बड़ी का सामना न करना पड़े।