टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों में अल्जाइमर से कम मृत्यु दर का रहस्य

Sandeep Singh
Taxi Drivers Health

टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों में अल्जाइमर से मृत्यु दर में कमी: एक नई खोज

टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों की पेशेवर ज़िम्मेदारियों से जुड़ी दिनचर्या ने शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि इन पेशेवरों में अल्जाइमर जैसी घातक न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम है। यह परिणाम उनके कार्य और जीवनशैली से जुड़े विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है।


शोध के मुख्य बिंदु

  • अनुसंधान का उद्देश्य:
    यह अध्ययन यह समझने के लिए किया गया कि टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों की मृत्यु दर अल्जाइमर जैसी बीमारियों के कारण अन्य पेशों की तुलना में क्यों कम है।
  • निष्कर्ष:
    2024 के अंत में प्रकाशित एक अध्ययन ने संकेत दिया कि इस पेशे से जुड़े कुछ विशिष्ट पहलुओं—जैसे मानसिक सतर्कता, नियमित शारीरिक गतिविधि, और सामाजिक संपर्क—ने ड्राइवरों में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की प्रगति को धीमा किया।

अल्जाइमर पर इस पेशे का प्रभाव

  1. मानसिक सतर्कता और निर्णय लेने की क्षमता:
    टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों को हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे रूट मैनेजमेंट, ट्रैफिक नियमों का पालन, और रोगियों या यात्रियों के साथ संवाद। यह मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखने में सहायक होता है।
  2. नियमित गतिविधि:

    • ड्राइविंग के दौरान लगातार सतर्क रहना और समय पर प्रतिक्रिया देना मस्तिष्क को उत्तेजित करता है।
    • दिनचर्या में शामिल शारीरिक गतिविधि (जैसे वाहन चेकिंग, रोगियों की सहायता करना) शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है।
  3. सामाजिक संपर्क:
    यात्रियों और सहकर्मियों के साथ बातचीत करने से सामाजिक जुड़ाव बना रहता है, जो मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है और अल्जाइमर से जुड़ी याददाश्त कमजोर होने की गति को धीमा करता है।
  4. शिफ्ट आधारित कार्य:
    हालांकि शिफ्ट कार्य कभी-कभी थकान पैदा करता है, लेकिन यह मस्तिष्क के कामकाज को नियमित रखने में मदद करता है।

दूसरे पेशों से तुलना

  • अन्य पेशों, जैसे ऑफिस डेस्क जॉब, में शारीरिक गतिविधि और सामाजिक संपर्क का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है।
  • टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों का जीवन अधिक गतिशील और चुनौतीपूर्ण होता है, जो मस्तिष्क के लिए सकारात्मक साबित होता है।

स्वास्थ्य लाभ के संभावित कारण

  • मल्टी-टास्किंग:
    ड्राइविंग और नेविगेशन के दौरान विभिन्न कार्यों को एक साथ प्रबंधित करना मानसिक लचीलापन बढ़ाता है।
  • समस्या समाधान क्षमता:
    रोजमर्रा की समस्याओं से निपटने की प्रक्रिया मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को सक्रिय रखती है।

भविष्य के लिए क्या सीख सकते हैं?

यह अध्ययन उन लोगों को प्रेरणा देता है जो सिडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

  • सक्रिय दिनचर्या अपनाना:
    नियमित रूप से मानसिक और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना अल्जाइमर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है।
  • सामाजिक संपर्क बनाए रखना:
    दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से बातचीत करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

Conclusion:
टैक्सी और एम्बुलेंस ड्राइवरों में अल्जाइमर से कम मृत्यु दर उनके काम और जीवनशैली से जुड़े कारकों का प्रमाण है। इस शोध से हमें यह सीख मिलती है कि एक सक्रिय और जुड़ी हुई दिनचर्या न केवल हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ रख सकती है, बल्कि अल्जाइमर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी मदद कर सकती है।

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